आदम अलैहिस्सलाम और उनके दौर की बातें :Adam alaihissalam aur unke daur ki baatein

मंगल के दिन किया हुआ:- mangal ke din kiya hua

हज़रत अनस रज़ीयल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत है रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया मंगल का दिन खून का दिन है उसी दिन हज़रत हव्वा को हैज़ (पीरियड्स) आया और उसी दिन हज़रत आदम अलैहिस्सलाम के बेटे ने काबील ने हबील को कत्ल किया।

पहले के परिंदे कैसे थे:- pehle ke parinde kaise the

पहले दरिंदे और परिंदे हज़रत आदम अलैहिस्सलाम के साथ खेलते थे लेकिन जब काबील ने हबील को कत्ल किया तो परिंदे और जानवर इंसान से भागने लगे दरख़्त खारदार हो गए, मेवे खुश्क हो गए, पानी खारा हो गया और हवा धूल से भर गई।

हज़रत आदम अलैहिस्सलाम पर कितने सहीफे नाज़िल हुए:- hazrat Aadam Alaihissalam par kitne saheefe naazil hue

हज़रत आदम अलैहिस्सलाम पर 10 सहीफे नाज़िल हुए थे ,जब तक वो जन्नत में थे अरबी ज़बान से वाकिफ थे लेकिन जब उन्होंने गेहूं खाया तो अरबी ज़बान भूल गए और सूर्यानि ज़बान बोलने लगे। हज़रत आदम अलैहिस्सलाम ने जन्नत में सबसे पहली चीज़ अंगूर और सबसे आखरी चीज़ गेहूं खाया था।

सबसे पहली भाषा:- sabse pehli bhasha

अरबी ज़बान भी हज़रत आदम अलैहिस्सलाम के वक्त से है वोह जन्नत में अरबी बोलते थे। ज़मीन पर तशरीफ लाने के बाद सूर्यानी ज़बान बोलने लगे तौबा क़ुबूल होने के बाद फिर ज़ुबान पर अरबी जारी हो गई। सुफ्यान रज़ीयल्लाहु तआला अन्हु ने फरमाया आसमान की हर वही अरबी में ही नाज़िल होती थी अंबिया इकराम कोम की ज़बान में उसका तर्जुमा समझाया करते थे।

जान निकलने पर इज़राइल ही क्यूं हैं :- jaan nikalne par izraeel hi kiun hai

हज़रत इज़राइल अलैहिस्सलाम ने हज़रत आदम अलैहिस्सलाम के लिए हर किस्म की ज़मीन से थोड़ी थोड़ी मिट्टी हासिल की और उसको हर किस्म के पानी से गूंधा।चुंकि हज़रत इज़राइल अलैहिस्सलाम ने ही ये मिट्टी उठाई थी इसलिए जान निकलने का काम भी उन्हीं के सुपुर्द कर दिया गया ताकि ज़मीन की अमानत वही वापिस करें।

आदम अलैहिस्सलाम की दुआ से दाऊद अलैहिस्सलाम की उमर बढ़ा दी गई:- Aadam Alaihissalam ki dua se daood Alaihissalam ki umar badha di gai

हज़रत आदम अलैहिस्सलाम की उमर ,1000 साल थी आपने दुआ की या इलाही मेरी उमर 960 करदे और मेरी उमर के ये 40 साल दाऊद को दे दे और उनकी उमर पूरे सौ साल कर दे अल्लाह ने ये दुआ कुबूल फरमाई हज़रत आदम अलैहिस्सलाम को भी 1000 साल की उमर दी गई और दाऊद अलैहिस्सलाम को भी सौ साल की उमर दे दी गई।

कितने नबियों की पैदाइशी खतना थी:- kitne nabiyon ki paidaeshi khatna thi

हज़रत आदम, हज़रत शीश, हज़रत नूह, हज़रत हूद, हज़रत सुआलेह,हज़रत लूत, हज़रत शुएब, हज़रत यूसुफ़, हज़रत मूसा, हज़रत सुलेमान, हज़रत ज़करिया, हज़रत ईसा अलैहिमुस्सालम और हमारे हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम की पैदाइशी खतना थी ।

काबील ने हाबील को किस तरह कत्ल किया:- qabeel ne habeel ko kis tarah qatal kiya

काबील को कत्ल करने की तरकीब नहीं आती थी इबलीस जानवर की शक्ल में आया उसके पंजे में एक और जानवर था उसने उस जानवर का सार पत्थर पर रख कर दूसरे पत्थर से कुचल दिया जिससे जानवर मर गया। फिर इसी तरह काबील ने हाबील को कत्ल किया।

दफ़न करने का तरीक़ा कैसे मालूम हुआ: Dafn karne ka tareeqa kaise maloom hua

काबील ने हाबील को कत्ल तो कर दिया मगर उसे ये नहीं मालूम था कि लाश का किया किया जाए इसलिए ये लाश एक थैले में डालकर चालीस दिन अपने कंधे पर लिए फिरता रहा । फिर अल्लाह ने उसकी तालीम के लिए 2 कौए भेजे जिन्होंने काबील को दफन का तरीका बताया।

पहले ज़मीन खून चूस लेती थी:- pehle zameen khoon chus leti thi

पहले ज़मीन खून चूस लेती थी जैसे आज पानी चूस लेती है। हज़रत आदम अलैहिस्सलाम की दुआ से ज़मीन ने खून चूसना छोड़ दिया ताकि आइंदा कत्ल का सुराग खून से लग सके।

हाबील के दुख में हज़रत आदम अलैहिस्सलाम :- habeel ke dukh me Hazrat Aadam Alaihissalam

हज़रत आदम अलैहिस्सलाम हाबील के कत्ल का इतना सदमा हुआ कि आप बाक़ी उमर कभी हंसे नहीं । काबील जब बूढ़ा हो गया तो उसकी औलाद उसे पत्थर मारा करती थी आखिर एक बेटे ने उसे कत्ल कर दिया।

कुछ नबियों के रोज़गार :- kuch nabiyon ke rozgar

हज़रत आदम अलैहिस्सलाम को सात लाख ज़बानों का इल्म था और एक हज़ार पेशों में माहिर थे मगर आपने खेती बाड़ी का काम किया।
आदम अलैहिस्सलाम का पेशा खेती बाड़ी, नूह अलैहिस्सलाम का बढ़ई, इदरीस अलैहिस्सलाम का दर्ज़ी, हज़रत सुआलेह अलैहिस्सलाम का तिजारत, दाऊद अलैहिस्सलाम का लुहार, सुलेमान अलैहिस्सलाम का ज़मबील,मूसा अलैहिस्सलाम और शुएब अलैहिस्सलाम और
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम का काम बकरी चराने का था ।

7 पैगंबरों को इल्म की वजह से बहुत फायदा हुआ:- 7 paigambron ko ilm ki wajah se bahut faeda hua

आदम अलैहिस्सलाम को उनके इल्म ने फरिश्तों से सजदा कराया , खिज़र अलैहिस्सलाम को इल्म ने मूसा अलैहिस्सलाम की मुलाकात अता की,यूसुफ अलैहिस्सलाम को इल्म ने कैदखाने से निकालकर तख्तो ताज का मालिक बनाया, हज़रत सुलेमान अलैहिस्सलाम को इल्म ने बिल्कीस जैसी साहिबे जमाल और तख्तो ताज वाली बीवी अता फरमाई, दाऊद अलैहिस्सलाम को इल्म ने बादशाहत दिलाई, ईसा अलैहिस्सलाम को इल्म ने उनकी वालिदा से तोहमत दूर करवाई, रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम को अल्लाह तआला ने “मा काना”, वा “मा यकून” का इल्म देकर आपके सर मुबारक पर खिलाफाते ईलाही और शफाते कुबरा का सेहरा बांधा।

शैतान:- (shaitan)

हक तआला शैतान को एक लाख बरस जहन्नम में रखकर वहां से निकालेगा और फरमाएगा कि तू अब भी आदम को सजदा करले वोह इनकार करेगा और दुबारा जहन्नम में डाल दिया जाएगा।

जन्नत का गेहूं कैसा था जो आदम अलैहिस्सलाम ने खाया:- jannat ka gehun kaisa tha jo hazrat Aadam Alaihissalam ne khaya

जन्नत का गेहूं बैल के गुर्दे के बराबर था शहद से ज़्यादा मीठा और मक्खन से ज़्यादा लज़ीज़ और नर्म था।

अल्लाह ने ज़मीन पर किसे कहां उतारा:- Allah ne zameen par kise kahan utara

फरिश्तों ने अल्लाह के हुक्म से हज़रत आदम को हिंदुस्तान के शहर सरनदीप (श्री लंका) के उस पहाड़ पर उतारा जिसको नूर कहते थे और हज़रत हव्वा को साहिले अरब पर जद्दा में और मोर को मर्जुल हिन्द में और शैतान को मैसान के जंगल में जो बसरा से कुछ फासले पर है जहां आज यजोज और माजोज की दीवार कायम है ,सांप को सजिस्ताने अस्फहान में इसलिए वहां अब भी साँप ज़्यादा होते हैं ।

सबसे पहले कपड़े का काम :- sabse pehle kapde ka kaam

सबसे पहले कपड़ा बनाने का काम हज़रत आदम अलैहिस्सलाम ने किया बाद में आप खेती बाड़ी की तरफ गए ।

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