आज हम इस पोस्ट में हमारे प्यारे नबी मुहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु तआ़ला अ़लैही वसल्लम के मोजिज़ों के बारे में बात करेंगे और चंद बातों पर रौशनी डालेंगे :-
- हमारे नबी के मोजिज़ों की तादाद
- जिस्मे अतहर पर मक्खी नहीं बैठती
- पैदाइश के वक़्त हमारे नबी
- हमारे नबी की बरकत से अज़ाब में कमी
- लुआ़बे दहन
- हिंदुस्तान के एक राजा का मुसलमान होना
- हमारे नबी का सीना मुबारक कितनी बार शक़ (क़ुदरते इलाही चिरा) हुआ
- मशकीज़े से शिफा मिली
- बाल और नाख़ून मुबारक
- जुब्बा मुबारक
- तलवारों के नाम
- ग़ुस्ल मुबारक का पानी
- पहलवान से कुश्ती
- हमारे नबी पर झूठ गढ़ने का अंजाम
hamare nabi ke mojizo ki ginti : हमारे नबी के मोजिज़ों की तादाद:-
इमाम जलालुद्दीन सियूति रहमतुल्लाह अलैह ने ख़साइसे कुबरा में हुज़ूरे पाक सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम के 1000 मोजिज़े दर्ज किए हैं कुछ उ़लमा और मुह़द्दिसीन ने लिखा है कि 3000 मोजिज़े हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम से सादर हुए हैं|
jisme athar Pe makhi nai baithti : जिस्मे अतहर पर मक्खी नहीं बैठती:-
नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु तआ़ला अलैही वसल्लम के जिसमें अतहर और कपड़ों पर मक्खी नहीं बैठती थी, बाज़ उ़लमाय अ़जम ने कहा है कि मुहम्मदुर्रसूलल्लाह में ह़ुरुफे “ग़ैर मनक़ूत” हैं “ग़ैर मनक़ूत” का मतलब जिस पर कोई नुकता ना हो क्योंकि नुक्ता मक्खी की तरह होता है और अल्लाह तआ़ला ने आपके जिसमें पाक के साथ-साथ नाम ए पाक को भी इस मुशाबिहत से महफूज़ रखा है |
लफ़्ज़े अल्लाह में भी चार हरूफ हैं और लफ्ज़े मुहम्मद में भी लफ़्ज़े अल्लाह हम भी ग़ैर मनक़ूत है ,और लफ़्ज़े मुहम्मद भी, जिस तरह “ला इलाहा इलल्लाह” में कोई नुक्ता नहीं है उसी तरह “मुहम्मदुर्रसूलुल्लाह” में भी कोई नुक्ता नहीं है |
paidaish ke waqt hamare nabi : पैदाइश के वक़्त हमारे नबी
सरवरे आलम सल्लल्लाहु तआ़ला अलैही वसल्लम जिस वक्त पैदा हुए दोनों हाथ जमीन पर रखे हुए, सर आसमान की तरफ उठाए हुए ,बदन बिल्कुल पाकीज़ा, और तेज़ बू कस्तूरी की तरह खुशबूदार,खतना किए हुए, नाफ बरीदा, आंखें कुदरत ए इलाही से भरी हुई थीं | रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआ़ला अ़लैही वसल्लम को कभी जमाही नहीं आई |
अस़ह़ाबे फील का वाक़िया सरवरे आलम सल्लल्लाहु अ़लैही वसल्लम की विलादते अक़दस से 55 दिन पहले पेश आया था |
hamare nabi ki barkat se azab me kami : हमारे नबी की बरकत से अज़ाब में कमी
हदीस शरीफ में है अबूलहब का पीर के दिन अज़ाब हल्का होता है, उंगली चूसने से पानी मिलता है क्योंकि उसने सरकारे दो आलम सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम की विलादत की खुशखबरी सुनाने वाली अपनी लौंडी सवीबा को आज़ाद किया था.
हुज़ूर सल्लल्लाहु तआ़ला अलैही वसल्लम ने फरमाया मैंने अबू तालिब को आग में पाया, तो उन्हें वहां से निकाल कर आग के ह़ुजीरे में कर दिया जहां आग की गर्मी तो है मगर आग नहीं, सज़ा में यह कमी हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम की ख़िदमत के बदले में मिली |
luaebe dahan : लुआ़बे दहन
ह़ुज़ूरे अनवर सल्लल्लाहु तआ़ला अ़लैही वसल्लम ने हज़रत तलहा की हांडी और आँटे में लुआवे दहन डाल दिया था, तो चार सेर जौ और तीन सेर गोश्त से 2000 आदमियों ने खाना खाया और खाना भी कम ना हुआ |
Hindustan ke ek raja ka Musalman hona : हिंदुस्तान के एक राजा का मुसलमान होना
हिंदुस्तान के शहर दया के राजा ने अपने महल से चांद के दो टुकड़े टुकड़े वाला मोजिज़ा देखकर, हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की बारगाह में अपना एलची भेजा और मुसलमान हो गया, सवानिह़ुल ह़रमैन में राजा का इस्लामी नाम “अब्दुल्लाह” लिखा है |
hamare Nabi ka seena Mubarak kitni Baar shak hua : हमारे नबी का सीना मुबारक कितनी बार शक़(क़ुदरते इलाही चिरा) हुआ:-
सीने मुबारक का शक होना चार बार वाक़े हुआ पहली बार जब हुज़ूरे पाक सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम हज़रत हलीमा के घर थे, दूसरी बार जवानी के ज़माने के करीब में जब आप की उम्र शरीफ 10 बरस की थी, तीसरी बार “वह़ी के नाज़िल होने से पहले, चौथी बार मेराज की रात में |
mashkize se Shifa mili : मशकीज़े से शिफा मिली
हज़रत कबशा रज़िअल्लाहुतआ़ला अन्हा ने अपनी मश्कीज़े का मुंह काटकर रख लिया था, जिससे मुंह लगाकर साकिये कौसर सल्लल्लाहु वाले वसल्लम ने पानी पिया था, मदीने के बीमारों को यह चमड़े का टुकड़ा धोकर पिलाती थीं, तो उन्हें शिफा होती थी |
Bal or nakhoon mubarak : बाल और नाख़ून मुबारक
हज़रत अमीर मुआ़विया रज़िअल्लाहुतआ़ला अ़न्हु ने अपनी वफात से पहले वसीयत की थी कि मेरे पास हुजूर सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम के बाल और नाखून हैं, वन मेरे कफन में मेरी आंखों और मुंह पर रख दिए जाएं ताकि कब्र की मुश्किल आसान हो |
हजरत ख़ालिद बिन वलीद रज़िअल्लाहुतआ़ला अ़न्हु की टोपी में हुज़ूर सल्लल्लाहु अ़लैही वसल्लम का मुए मुबारक(बाल) था जिसे पहनकर वह जंग करते थे |
हज़रत उम्मुल मोमिनीन उम्मे सलमा रज़िअल्लाहुतआ़ला आल्हा के पास रसूले अकरम सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम के कुछ सुर्ख रंग के बाल थे जो एक डिबिया में रखे हुए थे लोग उन बालों से नज़रे बद और दूसरी बीमारियों का इलाज करते थे |
Jubba Mubarak : जुब्बा मुबारक
हज़रत आयशा सिद्दीक़ा रज़िअल्लाहुतआ़ला अन्हा के पास सरकारे दो आलम सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम का जुब्बा मुबारक था, जिसे धोकर बीमारों को दवा के तौर पर पानी पिलाती थीं |
Talwaro ke naam : तलवारों के नाम
नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम के पास तीन तलवारे थीं, एक का नाम “ज़ुलफिक़ार” दूसरी का नाम “मासूर” और तीसरी का नाम तबार था | हुज़ूर सल्लल्लाहु तआ़ला अलैही वसल्लम के तरकश का नाम काफूर था |
Gusl mubarak ka paani : ग़ुस्ल मुबारक का पानी
सरकारे दो आलम सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम के ग़ुस्ल मुबारक का पानी 4 शीशों में भरकर एक शीशा “हज़रत जिब्रील अलैहिस्सलाम” ने लिया एक “हज़रत मीकाईल अलैहिस्सलाम” ने लिया एक “इसरफील अलैहिस्सलाम” ने लिया और एक “हज़रत इज़रईल अलैहिस्सलाम” ने लिया इज़रईल नज़ा के वक्त मोमिनो के मुंह में उसमें से एक कतरा डाल देते हैं उससे मौत की सख़्ती में आसानी हो जाती है, मीकाईल मुनकर नकीर के सवाल के वक्त एक कतरा डाल देते हैं, उससे जवाब में सहूलियत होती है, इसरफील क़यामत के दिन एक कतरा चेहरे पर छिड़क देंगे, उससे कयामत के हाल से राहत मिलेगी और जिब्राईल अलैहिस्सलाम दीदार ए इलाही होते वक्त एक कतरा आंखों में डाल देंगे उससे मोमिनो की आंखों को जमाल और दीदार ए खुदा बंदी के मुशाहिदे की ताकत हासिल होगी|
Pahalwan se kushti : पहलवान से कुश्ती
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआ़ला अलैही वसल्लम ने मशहूर पहलवान “रुकाना” के साथ कुश्ती लड़ी और उसे कई बार पछाड़ा |
Hamare nabi par jhooth gadhne ka anjam : हमारे नबी पर झूठ गढ़ने का अंजाम
हुज़ूर सल्लल्लाहु तआ़ला अ़लैही वसल्लम ने फरमाया “जो जानबूझकर मुझ पर झूठ बांधे वह अपना ठिकाना आग में बना ले”, यह हदीस मुतावातिर(बहुत से सह़बा से बयान की जाने वाली) है 12 सहाबा से मनक़ूल है, जिनमें “अशरय मुबश्शरा” भी हैं इस हदीस के सिवा किसी हदीस में “अशरय मुबश्शरा” जमा नहीं हुए |
Conclusions : नतिज़ा
आज हमने इस पोस्ट में हमारे प्यारे नबी मुहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु तआ़ला अ़लैही वसल्लम के मोजिज़ों के बारे में बात की है.
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इस पोस्ट को लिखने मैं या कहने में कोई गलती हो गई हो तो अल्लाह से दुआ है की वो सरकारे मदीना सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के सदके से गलती को माफ कर दे।