आज हम इस पोस्ट में आदम अलैहिस्सलाम और हाबील व काबील के बारे में जानेंगे और दुनियां के शुरुआत में किया किया हुआ आप पोस्ट को पूरा पढ़ें और हम इस पोस्ट में न चीज़ों पर भी गौर करेंगे:-
- हज़रत आदम अलैहिस्सलाम कब पैदा हुए
- आदम अपने बच्चों की शादी कैसे करते थे
- हज़रत आदम अलैहिस्सलाम की कितनी औलादें हुईं
- काबील ने हाबील को कहां कत्ल किया
- हाबील के कत्ल के बाद काबील का किया हुआ
- आग की पूजा शुरूआत
- फरिश्तों ने आदम अलैहिस्सलाम को सजदा कबसे कब तक किया
- आदम अलैहिस्सलाम कौनसी ज़ुबान बोलते थे
- ताबूते सकीना
- दार चीनी और लॉन्ग का पेड़ कैसे उगा
- ज़हरीले जानवर और फसादी लोग कैसे पैदा हुए
Hazrat Aadam Alaihissalam kab paida hue : हज़रत आदम अलैहिस्सलाम कब पैदा हुए:-
हज़रत आदम अलैहिस्सलाम जुमा के दिन आखरी वक्त में पैदा हुए थे। और तूफाने नूह अलैहिस्सलाम से 2792 साल पहले 10 मुहर्रम को जन्नत से ज़मीन पर उतारे गए। आपका कद 60 गज़ था उम्र 1000 साल हुई। तूफाने नूह अलैहिस्सलाम से 1854 साल पहले जुमा के दिन मक्के में विसाल हुआ और कोहे बू कुबैस पर दफन हुए। आपकी ज़िंदगी तक चालीस हज़ार पोते परपोते पैदा हो चुके थे। हज़रत आदम अलैहिस्सलाम और रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम के दरमियान 5575 साल का अरसा (ज़माना) था।
Hazrat Aadam alaihis salam apne bachon ki shadi kaise karte the : हज़रत आदम अलैहिस्सलाम अपने बच्चों की शादी कैसे करते थे:-
बाज़ उल्मा अहले किताब से रिवायत करते हैं कि हज़रत आदम अलैहिस्सलाम ने गेहूं खाने से पहले जन्नत में हज़रत हव्वा से हम्बिस्तरी की। तो काबील और उसकी बहिन अकलीमिया का हमल ठहरा और हमल ठहरने से हज़रत हव्वा को किसी तरह की तकलीफ किसी तरह का दुख या दर्द नहीं हुआ और न ही निफास का खून आया। फिर जब हज़रत आदम अलैहिस्सलाम ज़मीन पर उतारे गए और हम्बिस्तरी का इत्तिफाक हुआ। तो हाबील और उसकी बहिन लिउज़ा पेट में आए।उस वक्त हज़रत हव्वा को दुख दर्द तकलीफ और निफास का खून भी आया। हज़रत आदम अलैहिस्सलाम के बच्चे खुदा की कुदरत से जुड़वा पैदा होते थे जिनमे एक लड़का और एक लड़की होते थे इसलिए हज़रत आदम अलैहिस्सलाम पहले जुड़वा बच्चों का निकाह बाद में पैदा होने वाले बच्चों से कर देते थे। काबील और हाबील में दो साल का छोटे बड़े का फर्क था। जब वो जवान हो गए तो हज़रत आदम अलैहिस्सलाम ने हाबील को अकलीमिया के निकाह का पैगाम भेजा। अकलीमिया लिउज़ा से ज़्यादा खूबसूरत थी तो हाबील फौरन राज़ी हो गया लेकिन काबील ने नाराज़ होकर कहा अकलीमिया मेरी बहिन है मैं ही उसके लायक हूं क्यूंकि हम दोनों जन्नत की पैदाइश हैं और वो दोनों ज़मीन की । यहां तक कि इसी हसद की वजह से काबील ने हाबील को कत्ल कर दिया।
Hazrat Aadam Alaihissalam ki kitni ouladen huin : हज़रत आदम अलैहिस्सलाम की कितनी औलादें हुईं:-
बाज़ रिवायतों में आता है कि हज़रत हव्वा के एक लड़का एक लड़की एक बार में जुड़वां पैदा होते थे। और तमाम बच्चों की तादात 40 थी। ये सब बच्चे 20 बार में पैदा हुए थे। सबसे बड़े काबील और उनकी बहिन अकलीमिया और सबसे छोटा अब्दुल मुगीस और उसकी बहिन उम्मतुल मुगीस।
Qabeel ne habeel ko kahan katl kiya : काबील ने हाबील को कहां कत्ल किया:-
काबील ने अपने भाई हाबील को जिस जगह कत्ल किया उसमे उल्मा का इख्तिलाफ है। हज़रत इब्ने अब्बास फरमाते हैं जबले सौर पे किया था। बाज़ कहते हैं जबले हीरा की घाटी में किया था। बाज़ का कहना है कि बसरा में किया था जहां अब मस्जिदे आज़म है।
Qabeel ke qatl ke baad habeel ka kiya hua : हाबील के कत्ल के बाद काबील का किया हुआ:-
रिवायत है कि कत्ल के बाद काबील का पूरा जिस्म काला हो गया था। हज़रत आदम अलैहिस्सलाम ने काबील से पूछा हाबील कहां है तो वो बोला मैं उसका चौकीदार नहीं हूं मुझे नहीं मालूम कहां है। हज़रत आदम अलैहिस्सलाम बोले तू ज़रूर उसे कत्ल कर चुका है इसीलिए तेरा जिस्म काला हो गया है । चुनाँचे आप काबील से बेज़ार हो गए और इस सदमे की वजह से आपको 100 साल तक हंसी नहीं आई।
Aag ki pooja ki shuruaat : आग की पूजा शुरूआत:-
कत्ल के बाद काबील यमन के इलाके अदन की तरफ भाग गया। यहां शैतान ने उसे बहकाया कि हाबील को कुर्बानी को आग इसलिए खा गई क्योंकि वोह आग की पूजा करता था तू भी आग की पूजा किया कर। काबील ने आग की पूजा शुरू कर दी और सबसे पहले उसी ने खेल कूद और गाने बजाने की चीज़ें बनाईं। शराब, बुतों की पूजा, ज़िना वगैरह कबीरा गुनाहों में डूबा रहा यहां तक कि अल्लाह तआला ने उसे और उसके मानने वालों को तुफाने नूह अलैहिस्सलाम में गर्क कर दिया।
Farishton ne Aadam Alaihissalam ko sajda kabse kab tak kiya : फरिश्तों ने आदम अलैहिस्सलाम को सजदा कबसे कब तक किया:-
हज़रत आदम अलैहिस्सलाम को फरिश्तों ने सजदा जुमा के दिन ज़ुहर से असर तक किया। एक कौल ये भी है कि 100 सालो तक फरिश्तों ने सजदा किया और दूसरे कौल के मुताबिक 500 सालों तक सजदे में रहे।
Aadam Alaihissalam konsi zuban bolte the : आदम अलैहिस्सलाम कौनसी ज़ुबान बोलते थे:-
हज़रत आदम अलैहिस्सलाम को जन्नत से ज़मीन पर भेजने से पहले और नेमतों के साथ साथ अरबी ज़बान भी ले ली गई थी। उसकी जगह आपको सूर्यानी ज़ुबान अता करदी गई थी। तौबा क़ुबूल होने के बाद फिर अरबी ज़बान अता की गई।
Tabute sakeena : ताबूते सकीना :-
ताबूते सकीना हज़रत आदम अलैहिस्सलाम पर नाज़िल किया गया था। ये शमशाद की लकड़ी का एक संदूक था जिसकी लंबाई 3 हाथ और चौड़ाई 2 हाथ थी। उसमें तमाम नबियों की सूरतें रखी हुई थीं और हमारे नबी रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम की सूरत मुबारका एक सुर्ख रंग के याकूत के अंदर उस संदूक में मौजूद थी । ये संदूक बारी बारी करके हर नबी के पास रहा और उसके हर नबी की कोई न कोई निशानी भी थी मूसा अलैहिस्सलाम का असा भी उसी में था। चुनांचे ये संदूक मूसा अलैहिस्सलाम के पास भी रहा लेकिन उसके बाद फिर वो संदूक कहीं गायब हो गया कहा जाता है कि वो संदूक सुलेमान अलैहिस्सलाम के महल यानी बैतुल मुकद्दस में कहीं दफ़न है यहूदियों और ईसाइयों ने बहुत कोशिश की लेकिन वोह संदूक कहीं नहीं मिला। अब भी इज़राइल के यहूदी बैतुल मुकद्दस में खुदाई करने की कोशिश करते रहते हैं ।
Daar cheeni or long ka ped kaise uga : दार चीनी और लॉन्ग का पेड़ कैसे उगा:-
जन्नत से उतारे जाने के बाद हज़रत आदम अलैहिस्सलाम 300 साल तक रोते रहे और शर्म की वजह से आसमान को तरफ सर न उठाया। 100 साल तक जबले हिंदी पर सजदा और रोने में लगे रहे सुरान दीप के जंगलों में बह निकले और उन आंसुओं से अल्लाह तआला ने दार चीनी और लॉन्ग का पेड़ पैदा फरमाया।
Zahreele janwar or fasadi log kaise paida hue : ज़हरीले जानवर और फसादी लोग कैसे पैदा हुए:-
जब हज़रत आदम अलैहिस्सलाम ने वोह फल जिससे मना फरमाया गया था खा लिया। तो उसकी बुराई से तख्तो ताज चला गया और लिबास व हुलिया बदल गया। जब आप जन्नत से बाहर तशरीफ लाए तो पछतावा हुआ और आपने मुंह में उंगली डालकर उल्टी कर दी।ज़मीन के कीड़े मकोड़ों और सांप बिच्छू वगैरह ने खा ली तो उसका ज़हर उनके तालू, डंक और दांतों में असर कर गया।और जो घांस उस जगह जमी उसमे ज़हर का असर ज़ाहिर हुआ । और जो नूत्फा उस फल के खाने से बना यानी जिससे ओलाद पैदा होती है उससे काबील पैदा किया गया। जो कुफ्र और फसाद का सरदार बना जिसने ज़ुल्म और कत्ल की बुनियाद डाली