Allah tala ki hamare Nabi se Mohabbat : अल्लाह ताआ़ला की हमारे नबी से मोहब्बत

आज हम इस पोस्ट में जानेंगे अल्लाह तआ़ला ने हमारे नबी को क्या-क्या अ़ता फरमाया और अल्लाह तआ़ला हमारे नबी से कितनी मौह़ब्बत करता है और इन बातों पर गौर करेंगे:-

  1. कोई उम्मती दोज़ख़ में न रहेगा?
  2. क़यामत के दिन नबी की शान ?
  3. अ़ब्द और अ़ब्दाम ?
  4. हमारे नबी की ताक़त ?
  5. सोने के पहाड़ ?
  6. अल्लाह तआ़ला के 99 नाम क्यों हैं?
  7. नामे मुह़म्मद की बरकत ?
  8. मक़ामे मह़मूद ?

Koi Ummati Dozakh Me na rahega : कोई उम्मती दोज़ख़ में न रहेगा:-

मुस्लिम शरीफ में है कि एक दिन नबीये करीम सल्लल्लाहु तआ़ला अ़लैही वसल्लम हाथ उठाकर रो-रोकर उम्मत के ह़क़ में दुआ फरमा रहे थे, कि जिब्राईल अलैहिस्सलाम ने हाज़िर होकर रोने का सबब पूँछा ह़ुज़ूरे अकरम सल्लल्लाहु तआ़ला अ़लैही वसल्लम ने फरमाया कि हमको अपनी उम्मत का ग़म रुला रहा है | जिब्रीले अमीन ने बारगाहे इलाही में जाकर यही अ़र्ज़ किया इरशादे बारी तआ़ला हुआ कि मेरे महबूब से कह दो कि हम आपको आपकी उम्मत के बारे में राज़ी करेंगे |

हदीस शरीफ में है कि जब यह इरशाद नाज़िल हुआ, तो ह़ुज़ूर सल्लल्लाहु तआ़ला अ़लैही वसल्लम ने फरमाया कि जब तक मेरा एक भी उम्मती दोज़ख़ में रहा मैं राज़ी नहीं होऊंगा |

Qayamat ke din Nabi ki shan : क़यामत के दिन नबी की शान:-

मुफस्सिरीन फरमाते हैं कि क़यामत के दिन सिर्फ हिसाब के लिए नहीं होगा, उस दिन और काम भी होंगे रब्बे तआ़ला फरमाता है कि तमाम बंदों का हिसाब बहुत थोड़े वक्त में हो जाएगा, 4 घंटे या उससे भी कम वक्त में ,और जो क़यामत का दिन होगा वह 50,000 साल का होगा बाकी वक़्त में ह़ुज़ूर सल्लल्लाहु तआ़ला अ़लैही वसल्लम की शान का इज़हार होगा, तो क्या शान है उस मदीने वाले आक़ा की जिस की शान हज़ारों सालों में बयान की जाएगी, जबकि आदम अलैहिस्सलाम से लेकर क़यामत तक जितने बंदे आएंगे या आए हैं उन सब का हिसाब सिर्फ 4 घंटे में हो जाएगा अल्लाह तआ़ला ने हमारे नबी को क्या शान बख्शी है|

Abd or abda : अ़ब्द और अ़ब्दा:-

सूफियाए इकराम फरमाते हैं, कि हर चीज़ अल्लाह तआ़ला की अ़ब्द है मगर ह़ुज़ूर सल्लल्लाहु तआ़ला अ़लैही वसल्लम अ़ब्दा हैं अ़ब्द और अ़ब्दा में चंद तरह का फर्क है:-

( अ़ब्द ).

  1. जो अल्लाह तआ़ला की रज़ा  चाहे |
  2. वह जो अपनी अ़ब्दियत पर नाज़ करे कि मैं अल्लाह का बंदा हूं |
  3. वह कि उसकी शान रब से ज़ाहिर हो |
  4. वह कि जो किसी के लिए बने
  5. वह जो रब से मिलना चाहे
  6. जो रब की रह़मत के पास जाए |
  7. वह कि जो कछ न हो 
  8. जो अपने काम का ख़ुद ज़िम्मेदार हो | करना भी उसका हो और काम भी उसका हो|

(अ़ब्दा)

  1. वह के अल्लाह उसकी रज़ा चाहे |
  2. वह जिसकी अ़ब्दियत पर क़ुदरत नाज़ करे रब  ख़ुद फरमाये मैं मुह़म्मद  का रब हूं |
  3. वह कि रब की शान उससे ज़ाहिर हो |
  4. वह जिसके लिए दुसरे बनें
  5. जिससे रब ख़ुद मिलना  चाहे |
  6. जिसे रब की रह़मत  तलाश करे उसके पास आए
  7. वह जो सब कुछ हो
  8. जिसके हर काम के लिए रब की रह़मत ज़िम्मेदार हो |
  9. करना तो उसका हो मगर काम रब का हो |

Hamare Nabi ki Taqat : हमारे नबी की ताक़त:-

हदीस में है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआ़ला अ़लैही वसल्लम को 30 मर्दों की ताकत दी गई थी, और ह़लयतुल अौलिया में है, कि 40 जन्नती मर्दों की ताकत अ़ता की गई थी और तिर्मीज़ी में है कि जन्नत के एक मर्द को दुनियां के 100 मर्दों के बराबर ताकत होगी इस हिसाब से ह़ुज़ूर सल्लल्लाहु तआ़ला अ़लैही वसल्लम को दुनिया के 4000 मर्दों के बराबर ताकत दी गई थी |

Sone ke Pahad : सोने के पहाड़:-

एक बार अल्लाह तआ़ला ने अपने मह़बूब सल्लल्लाहु तआ़ला अ़लैही वसल्लम को पैग़ाम भेजा कि तुम कहो तो मैं मक्का के दो पहाड़ों को जिन्हें ख़श्बीन कहते हैं, सोने का बना दूं कि तुम चाहो तो वह तुम्हारे साथ चलें तो नबीये करीम सल्लल्लाहु तआ़ला अ़लैही वसल्लम ने अ़र्ज़ की मैं यह नहीं चाहता, बल्कि यह चाहता हूं कि मैं तेरा शुक्र करूं और भूखा रहकर यानी रोज़ा रखकर सब्र करूँ |

(Allah tala ke 99 Naam kiu hain : अल्लाह तआ़ला के 99 नाम क्यों हैं:-

किसी मुफस्सिर से किसी ने पूछा कि अल्लाह तआ़ला के 99 नाम क्यों हैं पूरे सौ क्यों नहीं हुए|उ़लामा और मशाइख़ इसकी बहुत बारीक वजह बयान करते हैं, मगर उस मुफस्सिर ने कहा कि सौमा नंबर अपने मह़बूब सल्लल्लाहु तआ़ला अ़लैही वसल्लम के लिए खाली रखा गया, क्योंकि ह़ुज़ूर सल्लल्लाहु तआ़ला अ़लैही वसल्लम की ज़ात खुद अल्लाह तआ़ला का नाम है |

Naame Muhammad ki Barkat : नामे मुह़म्मद की बरकत:-

एक हदीस में है कि जो क़ौम किसी मशवरे के लिए जमा हुई, और उनमें कोई ऐसा है जिसका नाम मुह़म्मद है तो यकीनन अल्लाह तआ़ला उनके काम में बरकत देगा एक हदीस में यह भी है कि जिसका नाम मुह़म्मद होगा ह़ुज़ूर सल्लल्लाहु तआ़ला अ़लैही वसल्लम उसकी शफाअ़त फरमाएंगे और जन्नत में दाखिल कराएंगे | एक और रिवायत में है कि अल्लाह तआ़ला ने ह़ुज़ूरे अकरम सल्लल्लाहु तआ़ला अ़लैही वसल्लम से फरमाया मुझे क़सम है अपनी इज़्ज़त और जलाल की के किसी एक पर अज़ाब ना करूंगा जिसका नाम तुम्हारे नाम पर है,हज़रत अ़ली रज़िअल्लाहुतआ़लाअन्हु से मरवी है कि नबीये करीम सल्लल्लाहु तआ़ला अ़लैही वसल्लम ने फरमाया कि कोई दस्तरख्वान नहीं है कि बिछाया गया हो और उस पर लोग खाने आए और उनमें अहमद या मुहम्मद नाम वाले हों मगर यह कि ह़क़ तआ़ला उस घर को जिसमें यह दस्तरख्वान बिछाया गया हो उसे रब रोज़ाना दो मर्तबा पाक ना फरमाए | यानी अगर किसी घर में दस्तरख्वान बिछाया गया और खाने वालों में से अहमद या मुहम्मद नाम का हो तो अल्लाह तआ़ला उनके रिज़्क़ में बरकत अता फरमाता है |

Maqame Mahmood : मक़ामे मह़मूद:-

नबीये करीम सल्लल्लाहु तआ़ला अ़लैही वसल्लम ने फरमाया क़यामत के दिन मोमिनो को गर्म मैदान में रोक दिया जाएगा| यहां तक कि उसकी वजह से वह ग़मगीन हो जाएंगे वह आपस में मशवरा करके कहेंगे कि काश कोई अल्लाह तआ़ला से हमारी सिफारिश करता हमें इस हॉलनाक गर्मी से निजात मिलती चुनांचे सारे मोमिन मिलकर आदम अलैहिस्सलाम के पास जाएंगे और कहेंगे आप तमाम इंसानों के बाप हैं आपको अल्लाह तआ़ला ने अपने हाथों से बनाया और जन्नत में जगह अता फरमाई और आपको इ़ल्म अ़ता फरमाया| आप हमारी अल्लाह तआ़ला से सिफारिश करें वो कहेंगे मैं इस लायक नहीं हूं आप नूह अ़लैहिस्सलाम के पास जाएं क्योंकि वह पहले नबी हैं जिन्हें अल्लाह तआ़ला ने ज़मीन वालों की जानिब पहला रसूल बनाकर भेजा था| फिर सारे लोग नूह अ़लैहिस्सलाम के पास जाएंगे तो नूह अ़लैहिस्सलाम कहेंगे कि मैं इस लायक नहीं कि आप की सिफारिश करूं आप लोग इब्राहीम अ़लैहिस्सलाम के पास जाएं, जो अल्लाह तआ़ला के ख़लील हैं, वह भी मदद ना कर सकेंगे और कहेंगे मूसा अलैहिस्सलाम के पास जाओ वह पहले ऐसे नबी हैं जिन्हें अल्लाह तआ़ला ने किताब अता फरमाई यअ़नी “तौरैत” और अल्लाह तआ़ला ने अपनी तजल्ली भी दिखाई है और अल्लाह तआ़ला ने उनसे बात भी की है सारे लोग मिलकर मूसा अ़लैहिस्सलाम के पास जाएंगे लेकिन मूसा अ़लैहिस्सलाम भी मदद ना करेंगे| वह कहेंगे ईसा अलैहिस्सलाम के पास जाओ वह रूहउल्लाह(अल्लाह की रूह़) हैं और उसका कलमा हैं सारे लोग ईसा अ़लैहिस्सलाम के पास आएंगे वह कहेंगे आप मुह़म्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु तआ़ला अ़लैही वसल्लम के पास जाएं, क्योंकि वही ऐसे बंदे हैं कि अल्लाह तआ़ला ने जिनके अगले पिछले सारे गुनाह माफ कर दिए हैं फिर सारे लोग मिलकर नबीये करीम सल्लल्लाहु तआ़ला अ़लैही वसल्लम के पास जाएंगे फिर हमारे नबी अल्लाह तआ़ला से अरशे मुअ़ल्ला की जानिब आने की इजाज़त मांगेंगे | हमारे नबी सल्लल्लाहु तआ़ला अ़लैही वसल्लम फरमाते हैं फिर मुझे इसकी इजाज़त दी जाएगी,और मैं अल्लाह तआ़ला को देखते ही सज्दे में गिर जाऊंगा और अल्लाह तआ़ला जब तक चाहेगा मुझे उसी ह़ालत में रहने देगा फिर फरमाऐगा ऐ मुह़म्मद सर उठाओ जो कहना है कहो सुना जाएगा, शफाअ़त करना है करो, तुम्हारी शफाअ़त क़बूल की जाएगी फिर मैं अपना सर उठा लूंगा और अपने रब की तारीफ करूंगा फिर मैं शफाअ़त करूंगा मुझे एक हद दी जाएगी उस हद के मुताबिक मैं लोगों को जहन्नम से निकालकर जन्नत में भेजूंगा क़तादा ने बयान किया कि मैंने हज़रत अनस रज़िअल्लाहुतआ़लाअन्हु को यह कहते हुए सुना कि नबीये करीम सल्लल्लाहु तआ़ला अ़लैही वसल्लम ने इरशाद फरमाया फिर मैं लोगों को जहन्नम से निकाल लूंगा और जन्नत अ़ता करूंगा चुनांचे जब हद पूरी हो जाएगी, फिर मैं अल्लाह तआ़ला के पास जाऊंगा और उसे देखकर सज्दे में गिर जाऊंगा और जब तक अल्लाह तआ़ला चाहेगा मैं सर नहीं उठाऊंगा फिर अल्लाह तआ़ला कहेगा ऐ मुह़म्मद सर उठाओ कहो सुना जाएगा शफाअ़त करो शफाअ़त कबूल की जाएगी फिर मैं लोगों को जहन्नम से निकाल लूंगा और जन्नत में भेजूंगा जो मुझे हद दी जाएगी यहां तक के इसी तरह 3 मर्तबा हमारे नबी सज्दे में उम्मतियों को बख्शवाऐंगे यहां तक कि जहन्नम में सिर्फ वही लोग रह जाएंगे जिन्हें हमेशा जहन्नम में रहना है, यअ़नी कुफ्फार और मुश्रीकीन कि जिनके लिए क़ुरआन में हमेशा के लिए जहन्नम लिख दी है फिर मुझे मक़ामें मह़मूद अ़ता किया जाएगा, कि जहां पर पहले के और बाद के सारे लोग मेरी तारीफ बयान करेंगे |

“वाह क्या शान बढ़ाई खुदा ने तेरी
अव्वलीं आख़िरीं सब ह़म्द करेंगे तेरी”

इस पोस्ट को लिखने मैं या कहने में कोई गलती हो गई हो तो अल्लाह से दुआ है की वो सरकारे मदीना मुहम्मद मुस्तफा (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) के सदके से गलती को माफ कर दे।

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